हिंदी का आरंभिक साहित्य अपभ्रंश में मिलता है। हिंदी में तीन प्रकार का साहित्य मिलता है। गद्य पद्य और चम्पू। हिंदी की पहली रचना कौन सी है इस विषय में विवाद है लेकिन ज़्यादातर साहित्यकार देवकीनन्दन खत्री द्वारा लिखे गये उपन्यास चंद्रकांता को हिन्दी की पहली प्रामाणिक गद्य रचना मानते हैं।
1 अपना मस्तक काटिकै बीर हुआ कबीर — दादूदयाल
2 सन्त सिंगा की भाषा— निमाड़ी
3 हमेशा दुल्लहे की पोशाक में— रज्जब
4 ज्ञानदीप—- शेख़ नवी
5 सबसे बड़ा आदमी एकांकी — भगवतीचरण वर्मा
6 राजतुल हकायक — नूर मोहम्मद
7 अंत हाज़िर हो — मीरकान्त
8 छायावाद का ब्रह्मा– प्रसाद
9 अस्टछाप के ज्येष्ठ कवि– कुम्भनदास
10 छायावाद का विष्णु– पन्त
11 अष्ठछाप के संस्थापक—विट्ठलनाथ
12 छायावाद का महेश– निराला
13 सूफ़ी महिला– राबिया
14 चारुचंद्र लेख— हज़ारी
15 औरत होने की सजा– अरविन्द जैन
16 अनामिका– निराला
17 मिल-जुल मन– मृदुला गर्ग
18 मुहावरों की पाठय पुस्तक– देवबाला
19 पत्रात्मक शैली का उपन्यास– चंद हसीनों के खतूत
20 फ़ोटो नाटक– चढ़त ना दूजो रंग
21 अनल कवि– दिनकर
22 अवध का किसान– त्रिलोचन
23 मुनि मार्ग के हिमायती– शुक्ल
24 खड़ी बोली के समर्थकों को ‘हठी व मुर्ख’ कहा– जग्गन्नाथ दास रत्नाकर
25 कठगुलाब— मृदुला गर्ग
26 आओ पे पे घर चले— प्रभा खेतान
27 स्त्री लेखन का प्रस्थान बिंदु– मित्रो मरजानी
28 कुइयाजान– नासिरा शर्मा
29 हसिनाबाद– गीताश्री
30 क्षयी रोमांस का कवि– बच्चन सिंह
31 बहुत हमने फैलाया धर्म
बढाया छूआछूत का कर्म — भारतेन्दु
32 “आठ मास बीते जजमान
अब तो करो दक्षिणा दान– प्रताप नारायण मिश्र
33 स्नेह निर्झर बह गया है,रेत सा तन गया है– निराला
34 दिवस का अवसान समीप था
गगन था कुछ लोहित हो चला– हरिऔध
35 रामचरित मानस का पंचम काँड— सुंदर काँड
36 प्रथम रश्मि का आना रंगिणि!
तूने कैसे पहचाना– सुमित्रानंदन पंत
37 मांसलवाद के प्रवर्तक– रामेश्वर शुक्ल अंचल
38 रागदरबारी की कथा– शिवपाल गंज गाँव
39 छंदों का अजायबघर– रामचन्द्रिका
40 छपय्यो का राजा– चंदरबरदाई
41 श्लेष का बादशाह– सेनापति
42 हरिगीतिका का बादशाह– मैथिलीसरण गुप्त
43 अष्ठछाप कवि–
कुम्भनदास
कृष्णदास
सूरदास
परमानन्द दास
गोविन्दस्वामी
छीतस्वामी
नँददास
चतुर्भुज दास
44 कठिन काव्य का प्रेत– केशव
45 अष्ठछाप की स्थापना– 1565
46 द्वेताद्वेत— निम्बार्कचार्य
47 अद्वेतवाद– शंकराचार्य
48 सुर भक्ति– साख्य भाव
49 मीरा भक्ति— माधुर्य भाव
50 तुलसीदास भक्ति– दास्य भाव
51 ठहरा हुआ पानी (नाटक)– शांति मेहरोत्रा
52 मॉरीशस प्रेमचंद— अभिमन्यु अनन्त
53 ‘आधुनिक मीरा– महादेवी वर्मा
54 शुक्ल की त्रिवेणी– सुर,जायसी,तुलसी
55 साक्षात रसमूर्ति– घनानन्द
56 हिन्दू जाति का प्रतिनिधि कवि– भूषण
57 निबंध सम्राट— शुक्ल
58 उपन्यास सम्राट– प्रेमचंद
59 जीवन उत्सव का कवि– सूरदास
60 एक भारतीय आत्मा–माखनलाल चतुर्वेदी
61 (2017) व्यास पुरस्कार– ममता कालिया
62 दुःखम-सुखम– ममता कालिया
63 (2017) ज्ञानदीठ पुरस्कार– कृष्णा सोबती
64 (2017) साहित्य अकादमी पुरस्कार— रमेश कुंतल मेघ
65 गेहूं और गुलाब– बेनीपुरी
66 कुकुकुरमुता– निराला
67 घनानन्द की प्रेमिका– सुजान
68 आलम की प्रेमिका– शेख़ रँगरेजीन
69 महाअंधेर नगरी– विजयानन्द त्रिपाठी
70 नहुष–” गोपालचंद्र गिरिधर दास”
71 मैला आँचल— 1954
72 पन्त का जन्म— 1900
73 प्रसाद जन्म—1889
74 सहज प्रकाश’— सहजोबाई
75 उज्जवलनीलमणि’— रूपगोस्वामी
76 ’सेठ बांकेमल– अमृतलाल नागर
77 ’वारेन हेस्टिंग्स का सांड़’ कहानी — उदय प्रकाश
78 छायावाद का पतन’ — डा0 देवराज
79 अनुराग बॉंसुरी’ — नूर मोहम्मद
80 ’नैन नचाय कही मुसुकाय लला फिर आइयो खेलन होरी’ — पद्माकर
81 ’कटरा बी आरजू’—- राही मासूम रजा
82 कनक कदलि पर सिंह समारल ता पर मेरु समाने’ पंक्तिकार— विद्यापति
83 साहित्य जन-समूह के हृदय का विकास– बालकृष्ण भट
84 सारा लोहा उन लोगों का अपनी केवल धार’ पंक्तिकार–अरुण कमल
85 ’दुःखों के दागों को तमगों सा पहना’—- मुक्तिबोध
86 ’नया साहित्य नये प्रश्न ’–नन्द दुलारे वाजपेयी
87 ’भाग्यवती’ के लेखक— श्रद्धाराम फुल्लौरी
88 मुक्त छंद के प्रणेता –सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
89 ’अभिनव जयदेव’ विद्यापति
90 आवत जात पनहियॉं टूटीं बिसरि गयो हरि नाम– कुम्भनदास
91 ’दिल्ली का दलाल’ — पाण्डेय बेचन शर्मा ’उग्र’
92 आधुनिक युग का सबसे युगान्तकारी कवि — सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
93 मैथिली शरण गुप्त के बाद राष्ट्र कवि— रामधारी सिंह दिनकर
94 (अणु भाष्य) अधूरे ग्रन्थ को पूरा किया– विट्ठलनाथ ने
95 “बसंत का अग्रदूत” —- निराला
96 निहार की भूमिका– हरिऔध
97 अज्ञेय का साहित्यिक गुरू— मैथिलीशरण गुप्त
98 गिरिजाकुमार के संग्रह मंजीर की भूमिका —- निराला
99 “गउडबहो—- वाकपतिराज
100 रसवादी आलोचक—नगेन्द्र*
101 सम्प्रेषण सिद्धान्त— टी. एस. इलियट
102 द डिफेंस ऑफ पोइट्री–पी. बी. शैली*
103 उदात्त तत्व— लोंजाइनस
104 अपभ्रंश का प्रिय छंद— दोहा
105 सूफ़ियों का प्रिय अलंकार– समासोक्ति
106 अवधी,बघेली,छत्तीसगढी— पूर्वी हिंदी
107 भविस्यतकहा का सम्पादन– डॉ. याकोबी
108 उक्ति व्यक्ति प्रकरण– व्याकरणशास्त्र
109 प्राकृत पैंगलम— छन्दशास्त्र
110 रागदरबारी की कथा— शिवपाल गंज गाँव
111 गोदान की कथा— बेलारी गाँव
112 झूठा-सच (प्रथम भाग)– वतन ओर देश
113 झूठा-सच (दूसरा भाग)– देश का भविष्य
114 विद्यापति पदावली का सम्पादन— बेनीपुरी
115 मैला आँचल की कथा— मेरीगंज गाँव
116 सबसे ज़्यादा प्रबध काव्य– मैथलीशरण गुप्त*
117 श्रान्त पथिक— श्रीधर पाठक
118 अनाम तुम आते हो— भवानी प्रसाद मिश्र
119 गोवध निवारण की भावना — निसहाय हिन्दू
120 चीफ की दावत— भीष्म साहनी
121 प्रेमचंद की अंतिम प्रसिद्ध कहानी— कफ़न
122 मानसरोवर के भाग– 8
123 प्रसाद की कुल कहानियां– 69
124 छायावाद की समर्थक पत्रिका— माधुरी
125 “वियोगी होगा पहला कवि आह से उपजा होगा गान” — पन्त
126 भूतनाथ उपन्यास — देवकीनंदन खत्री
127 चंद्रकांता सन्तति के भाग— 24
128 न भूतो न भविष्यत— नरेंद्रर कोहली
129 आम के पत्ते– रामदरश मिश्र
130 बेरंग बेनाम चिठिया— रामदरश मिश्र
131 दुष्चक्र में स्रसटा— वीरेन डंगवाल
132 पत्थर फेंक रहा हूँ– चन्द्रकान्त देवताले
133 हवा में हस्ताक्षर — कैलाश वाजपेयी
134 “अंतिम अरण्य”—निर्मल वर्मा
135 अंगवधू के संकलनकर्ता — रज्जब
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